ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहा जाता हैं।
वेदों की संख्या चार है।
वेदों में सबसे प्राचीन और प्रथम वेद ऋग्वेद माना जाता है।
सबसे बड़ा वेद भी ऋग्वेद है
ऋग्वेद में :- 10मंडल , 1028 सूक्त, और 10462 ऋचाएं है
ऋग्वेद की ऋचाओं को पढ़ने वाले ऋषि को होत्र कहा जाता था।
ऋग्वेद की रचना विश्वामित्र के द्वारा की गई थी ।
ऋग्वेद के तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है। और नौंवे मंडल में देवता सोम का
उल्लेख हैं।
इसके आठ बे मंडल की हस्त लिखित ऋचाओं को खिल कहा जाता था।
ऋग्वेद में इन्द्र के लिए 250 और अग्नि के लिए 200 ऋचाओं की रचना की गई है ।
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